bal manoviyagan or unke janak

बालमनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसमें गर्भावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक के मनुष्य के मानसिक विकास का अध्ययन किया जाता है।
इसका  आरम्भ फासं से हुआ ।

हरबर्ट स्पेन्सर ------ने इस बात पर जोर दिया है कि ---
""प्रत्येक नागरिक की शिक्षा में बालमनोविज्ञान की शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए।"""
 रूसो ने भी 18वीं शताब्दी में 
"बालक की शिक्षा को अनिवार्य और आवशयक बताया ।अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बालक के मनोविकास के संबंध में अपनी 
        "एमील"          नामक पुस्तक में लिखा है

 पेरिस से पीकाट महाशय ने बालमनोविज्ञान के लिए 

"थॉट ऐंड लैंगुएज ऑव दी चाइल्ड" 

नामक पुस्तक के रूप में अपनी मौलिक देन दी।

डॉ॰ स्टेनले हाल ने किशोर बालकों का जैसा अध्ययन किया है, वैसा संसार में दूसरी जगह नहीं हुआ। उनकी

 "ऐडोलेसेंस"      

नामक पुस्तक बालमनोविज्ञान के लिए महत्व की देन है।

मनोविज्ञान (Psychology) 
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 मनोविज्ञान की परिभाषाएँ :-

  • वाटसन के अनुसार, मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित या शुद्ध विज्ञान है।
  • मैक्डूगल के अनुसार, मनोविज्ञान, आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है ।
  • वुडवर्थ के अनुसार, मनोविज्ञान, वातावरण के सम्पर्क में होने वाले मानव व्यवहारों का विज्ञान है।
  • क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, मनोविज्ञान मानव–व्यवहार और मानव सम्बन्धों का अध्ययन है।
  • बोरिंग के अनुसार, मनोविज्ञान मानव प्रकृति का अध्ययन है।
  • स्किनर के अनुसार, मनोविज्ञान, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है।
  • मन के अनुसार, आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है।
  • गैरिसन व अन्य के अनुसार, मनोविज्ञान का सम्बन्ध प्रत्यक्ष मानव – व्यवहार से है।
  • गार्डनर मर्फी के अनुसार, मनोविज्ञान वह विज्ञान है, जो जीवित व्यक्तियों का उनके वातावरण के प्रति अनुक्रियाओं का अध्ययन करता है।
  • स्टीफन के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।
  • ब्राउन के अनुसार, शिक्षा के द्वारा मानव व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है तथा मानव व्यवहार का अध्ययन ही मनोविज्ञान कहलाता है।
  • क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है।
  • स्किनर के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान के अन्तर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है।
  • कॉलसनिक के अनुसार, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों व परिणामों का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान कहलाता है।
  • सारे व टेलफोर्ड के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सीखने से है। यह मनोविज्ञान का वह अंग है जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओं की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है।
  • किल्फोर्ड के अनुसार, बालक के विकास का अध्ययन हमें यह जानने योग्य बनाता है कि क्या पढ़ायें और कैसे पढाये।
  • स्किनर के अनुसार, मानव व्यवहार एवं अनुभव से सम्बंधित निष्कर्षो का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग शिक्षा मनोविज्ञान कहलाता है।
  • जे.एम. स्टीफन के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।
  • ट्रो के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों के मनोविज्ञान पक्षों का अध्ययन है।
  • बी एन झा के अनुसार, शिक्षा की प्रकिया पूर्णतया मनोविज्ञान की कृपा पर निर्भर है।
  • एस एस चौहान के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिवेश में व्यक्ति के विकास का व्यवस्थित अध्ययन है।
  • पेस्टोलोजी के अनुसार, शिक्षा मनुष्य की क्षमताओं का स्वाभाविक, प्रगतिशील तथा विरोधहीन विकास है।
  • जॉन डीवी के अनुसार, शिक्षा मनुष्य की क्षमताओं का विकास है , जिनकी सहायता से वह अपने वातावरण पर नियंत्रण करता हुआ अपनी संभावित उन्नति को प्राप्त करता है।
  • जॉन एफ.ट्रेवर्स के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान वह विज्ञान है ,जिसमे छात्र , शिक्षण तथा अध्यापन का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है।
  • स्किनर के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान का उद्देश्य शैक्षिक परिस्थति के मूल्य एवं कुशलता में योगदान देना है।

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